गरियाबंद में मजदूरों के बंधक बनाने का मामला उजागर, लोग पलायन करने पर मजबूर

छत्तीसगढ़

गरियाबंद में मजदूरों का पलायन और उनका बंधक बनाया जाना एक गंभीर समस्या बन गया है, जिले के मजदूर बडी संख्या में रोजगार के लिए पलायन करने पर मजबूर हो रहे है और दूसरे प्रदेश में उन्हें बंधक बनाने की खबरें भी लगातार सामने आ रही है, सरकार और शासन के अपने दावे है जो हकीकत से कोसों दूर है।

गरियाबंद के बाडीगॉव का ये शख्स सरकार से लगा रहा गुहार
हाथ में आवेदन लेकर खडा ये शख्स गरियाबंद के बाडीगॉव का देवानंद नागेश है, देवानंद के परिवार के 13 सदस्य तेलंगाना के करीमनगर में बंधक है और देवानंद उन्हें छुडाने की गुहार लगाने के लिए देवभोग एसडीएम के पास पहुंचा है, वैसे कुछ दिन पहले तक देवानंद और उसकी पत्नि भी वही बंधक थे मगर उसके ससुराल वालों ने ठेकेदार को 60 हजार रुपये देकर उन्हें तो छुडा लिया पर उसके माता पिता और परिवार के कुल 13 लोग अभी भी ठेकेदार के चंगुल में फसे हुए हुए है जिन्हें छुडाने की गुहार लगाने के लिए देवानंद अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।

परिवार के कुल 12 सदस्य तेलगांना में बने बंधक
गौरतलब है कि देवानंद का परिवार ही तेलंगाना में बंधक नही है बल्कि गरियाबंद के भरुवामुडा का एक और परिवार वही पर ठेकेदार के चंगुल में फंसा हुआ है, परिवार का मुखिया भुवन पीएम आवास मिलने के लालच में उनके साथ नही जा पाया मगर उसकी पत्नि और नाबालिक बेटे सहित उसके परिवार के कुल 12 सदस्य तेलगांना में बंधक बने हुए है, भुवन ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ महीने पहले ओडिसा का एक ठेकेदार ईट भट्टे पर काम करने के ज्यादा पैसे देने का लालच देकर उसके परिवार के लोगो को लेकर गया था मगर वहॉ जाकर बहुत कम मजदूरी दी जा रही है साथ ही काम भी ज्यादा लिया जा रहा है, यही नही भुवन ने बताया कि अब उनके परिवार के लोगो से ठेकेदार ने मोबाइल छीन लिये है और उनसे मारपीट करना शुरु कर दिया है।

बंधको को छुड़ाने के लिए सरकार ने शुरू की मुहिम
मामला सामने आया तो जिला प्रशासन ने एक बार फिर उन्हें छुडाने की मुहिम शुरु कर दी है, देवभोग एसडीएम ने जल्द ही एक टीम तेलंगाना के लिए रवाना करने का आश्वासन दिलाया है।

25 मजदूरों के बंधक बनाये जाने की बात सामने
जिले के मजदूरों का बंधक बनाया जाना कोई नई बात नही है, इसी साल अब तक सैंकडो मजदूरों को बंधक बनाये जाने और फिर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें छुडाये जाने के कई मामले सामने आ चुके है, अब एक बार फिर 25 मजदूरों के बंधक बनाये जाने की बात सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने उन्हें छुडाने की कवायद तो शुरु कर दी है मगर सबसे अहंम और महत्वपूर्ण बात यही है कि आखिर जिले के मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर क्यों होना पड रहा है।

 

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