छत्तीसगढ में अब ईव्हीएम की जगह बैलेट पेपर से होगा मतदान

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ में पार्षद ही महापौर चुनेंगे और ईव्हीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराया जाएगा। इस बात का निर्णय जब से हुआ है। तब से राजनीती दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस ने स्वाभाविक रुप से अपनी सरकार के फैसले का स्वागत किया है तो वही भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आऱोप लगा कर, निगम चुनाव के पहले सरकार के निर्णय को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा महापौर का चुनाव
मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ में भी बैलेट पेपर से चुनाव होगा और अब महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराया जाएगा। ये लगभग तय हो गया है। दरअसल प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों की उप समिति में ये निर्णय हो गया है और कैबिनेट में भी ये पास हो जाएगा। ऐसा सौ प्रतिशत अनुमान है। लिहाजा सरकार के इस निर्णय का सत्ताधारी दल के नेता और मंत्री और पदाधिकारी स्वागत कर रहें हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जेपी श्रीवास्तव की माने तो बैलेट पेपर मतदान का पंरपरागत तरीका है। इससे अपराध कम होता था। इतना ही नही उनके मुताबिक आज सभी प्रगतिशील देश मे इसी प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। क्योंकि इस मतदान प्रकिया में मतदाता इस बात को लेकर विश्वस्त रहता है कि उसने किसको वोट किया है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी के आरोप पर साफ कहा कि भाजपा इस प्रणाली से डरी हुई है।

सरकार के निर्णय पर उठे सवाल
कांग्रेस के लोग अपने सत्ताधारी दल के इस निर्णय को लेकर भले ही उत्साहित हों लेकिन प्रदेश और अम्बिकापुर नगर निगम के विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने सरकार के निर्णय पर कई सवाल खडे कर दिए हैं। छत्तीसगढ महापौर परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रबोध मिंज के मुताबिक महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने के कारण महापौर पर कोई भी निर्णय लेने से पहले पार्षदों का दबाव होगा जो विकास के लिए बाधा बनेगा। इतना ही नहीं बैलेट पेपर से मतदान को लेकर तो श्री मिंज ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को लोकसभा चुनाव हारने के बाद निगम चुनाव हारने का भय सता रहा है। इसीलिए कांग्रेस बैलेट से चुनाव कराकर वोट को मैनेज करने का उपाय लगा रही है।

कांग्रेसी नेता ने किया विरेाध
गौरतलब है इंजीनियर प्रबोध मिंज अम्बिकापुर नगर निगम में 10 साल तक महापौर रह चुके हैं तो वहीं पिछले 5 साल कांग्रेस के डॉक्टर अजय तिर्की महापौर की भूमिका निभा रहे हैं ऐसे में मौजूदा महापौर अजय तिर्की से जब अप्रत्यक्ष प्रणाली मतलब पार्षदों द्वारा महापौर चुनने का सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी ही सरकार के निर्णय का विरोध कर दिया और कहा कि उनकी इच्छा तो है कि महापौर का चुनाव सीधे होता तो अच्छा था। हमेशा भाजपा पर ईव्हीएम में छेडछाड का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने छत्तीसगढ में अपनी सरकार बनते ही बैलेट से मतदान कराने का निर्णय तो ले लिया है जो उचित निर्णय हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि जब पार्षद महापौर चुनेंगे तो ऐसे मे लेन देन, खरीद फरोख्त ना हो इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

 

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