केंद्रीय बैंक देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए कोई भी कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा : आरबीआई गवर्नर

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा। आरबीआई गवर्नर ने भरोसा दिलाया कि संकटग्रस्त एनबीएफसी सेक्टर पर निगरानी बनी रहेगी।

वित्तीय स्थिरता प्रमुख घटक
जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति में वित्तीय स्थिरता को प्रमुख घटक माना जाता है। गैर-बैंकिंग सेक्टर के संबंध में आरबीआई गवर्नर ने कहा, एनबीएफसी के लिए मजबूत तरलता रूपरेखा के मद्देनजर आरबीआई ने हाल ही में दिशा-निर्देशों का एक मसौदा तैयार किया है। हम उनके विनियामक और पर्यवेक्षक रूपरेखा पर भी नए सिरे से गौर कर रहे हैं। हम अधिकतम स्तर पर विनिमयन और पर्यवेक्षण की कोशिश कर रहे हैं, ताकि एनबीएफसी सेक्टर वित्तीय रूप से लचीला और मजबूत बन सके।

महंगाई और विकास के मकसदों के बीच एक नाजुक संतुलन की जरूरत
इसी के साथ गौरतलब है कि सितंबर में एक वाणिज्यिक पत्र में आईएलएंडएफएस को चूककर्ता बताए जाने पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में तरलता का संकट प्रकाश में आया। दास ने कहा कि महंगाई और विकास के मकसदों के बीच एक नाजुक संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हालांकि मौद्रिक नीति में मुख्य रूप से महंगाई और विकास पर ध्यान रहता है, लेकिन मुख्य विषय-वस्तु हमेशा वित्तीय स्थिरता रहती है।

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