हनी ट्रैप मामला : उच्च न्यायालय खुद करेगा इस केस की निगरानी...

मध्यप्रदेश

एमपी के चर्चित हनी ट्रैप मामले की जांच की निगरानी अब उच्च न्यायालय खुद करेगा। उच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच की निगरानी के लिए तैयार हो गया है। अदालत ने एसआईटी से 15 में इस केस से जुड़ी सभी जानकारियां देने को कहा है। मनोहर दलाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बार-बार एसआईटी प्रमुख बदलने पर गहरी नाराजगी जताई। सरकार द्वारा इसका संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोर्ट दो दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक एसआईटी के मुखिया को न बदलने का निर्देश दिया।

सामान को फोरेंसिक जांच के लिए हैदराबाद लैब भेजा
इस मामले के जांच अधिकारी को भी बिना कोर्ट की अनुमति के राज्य के बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। अदालत ने एसआईटी प्रमुख महानिदेशक (जीडी) राजेंद्र कुमार को जांच के दौरान जब्त सीडी, मोबाइल, पेन ड्राइव सहित अन्य सामान फोरेंसिक जांच के लिए हैदराबाद लैब में भेजने का निर्देश दिया।

जांच के लिए एसआईटी बनाई
मध्य प्रदेश सरकार ने इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई तो उसके पहले प्रमुख आईपीएस डी. श्रीनिवास वर्मा थे, मगर उन्होंने पद छोड़ दिया। इसके बाद डीजीपी ने तेज तर्रार आईपीएस संजीव शमी को नियुक्त किया। उनके हटने पर राजेंद्र कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई। बता दें कि इस चर्चित मामले में बीजेपी, कांग्रेस के नेता समेत कई सीनियर अधिकारियों का नाम सामने आया था।

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